Performing Shani Dev Puja is one of the most powerful ways to reduce the harmful effects of Saturn’s transit, especially during Sade Sati, Dhaiya, or Shani Mahadasha. Regular worship not only brings mental peace and prosperity but also strengthens your karma, health, and relationships.
✅ शनि देव पूजा कब की जाती है?
शनि देव की पूजा विशेष रूप से निम्न समय पर की जाती है:
शनिवार – शनि देव का मुख्य दिन है। हर शनिवार को पूजा करने से शनि दोष, ग्रह पीड़ा से राहत मिलती है।
शनि अमावस्या – इस दिन शनि की विशेष पूजा की जाती है।
शनि जयन्ती – ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर मनाई जाती है। इस दिन पूजा करने से शनि की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
महादशा या अंतर्दशा में शनि – जब व्यक्ति की कुंडली में शनि महादशा या शनि की अंतर्दशा चल रही हो तब पूजा करनी चाहिए।
साढ़ेसाती और ढैय्या के समय – शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो शनि पूजा कर राहत पाई जा सकती है।
✅ कुंडली पर शनि पूजा का प्रभाव
शनि दोष शांत होता है – जन्म कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति से उत्पन्न परेशानी कम होती है।
साढ़ेसाती में संतुलन – जीवन में अचानक आने वाली परेशानियों में कमी आती है।
धैर्य, संयम और परिश्रम की ऊर्जा मिलती है – कठिन समय में मानसिक शक्ति बनी रहती है।
करियर और व्यवसाय में स्थिरता – लंबे समय से चल रही रुकावटें दूर होती हैं।
न्यायप्रियता और अनुशासन – व्यक्ति में नैतिकता, नियम पालन और संयम विकसित होता है।
शारीरिक कष्ट कम होते हैं – खासकर हड्डियों, जोड़ों, और त्वचा से जुड़ी समस्याओं में लाभ होता है।
✅ शनि देव पूजा के मुख्य लाभ
✅ साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत – मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, करियर में रुकावटें कम होती हैं।
✅ कर्म दोष का निवारण – पिछले कर्मों के प्रभाव से राहत मिलती है।
✅ स्वास्थ्य में सुधार – विशेषकर हड्डियों, जोड़ों, और दर्द से जुड़ी परेशानियों में लाभ।
✅ धैर्य और संयम में वृद्धि – जीवन में मानसिक स्थिरता और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
✅ आर्थिक स्थिरता – आय में सुधार, कर्ज से राहत, व्यावसायिक नुकसान से बचाव।
✅ रिश्तों में सुधार – परिवार में शांति, विवाद कम होना।
✅ आध्यात्मिक उन्नति – ध्यान, अनुशासन और संयम से आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।
Shani Dev Puja – Timing, Benefits, and Effects on Horoscope
✅ When to Perform Shani Dev Puja?
Shani Dev Puja is especially recommended during:
Every Saturday – The day dedicated to Lord Shani (Saturn). Performing Shani Puja on Saturday helps in reducing suffering caused by Shani Dosha.
Shani Amavasya – Observed on the new moon day, this is considered highly auspicious for Saturn worship.
Shani Jayanti – Celebrated on Jyeshtha Amavasya, this day is ideal for performing Shani Dev Puja to gain blessings.
During Shani Mahadasha or Antardasha – When Saturn’s major or minor period is running in one’s horoscope, performing Shani Puja helps mitigate its effects.
Sade Sati or Dhaiya periods – If you are going through Shani Sade Sati or Shani Dhaiya, regular worship of Shani can bring peace and protection.
